लखनऊ। लोकसभा चुनाव के चार चरण संपन्न हो चुके हैं। अब सियासी पार्टियों का ज्यादा जोर यूपी के अवध क्षेत्र में है। कांग्रेस, सपा और बीजेपी अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए जोड़तोड़ में लगे हैं। अब इन पार्टियों की निगाहें बेंती राजघराने पर लगी हैं। सपा और बीजेपी जनसत्ता दल अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह का समर्थन पाने को बेताब हैं। हालांकि राजा भइया ने किसी भी दल को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। इस बीच बीजेपी के कौशांबी सांसद और उम्मीदवार विनोद सोनकर से राजा भैया की नाराजगी की भी खबरें आ रही हैं।
अभी हाल ही में बीजेपी नेता अमित शाह की राजा भैया से मुलाक़ात भी हुई थी। लेकिन प्रतापगढ़ की बीजेपी की जनसभा में राजा भइया नहीं गए। इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी विनोद सोनकर ने केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान के साथ राजा भैया से मुलाकात कर उनका समर्थन मांगा था। इसके बाद सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज ने भी राजा भैया से मुलाकात की थी।
सियासी कयासों के बीच राजा भइया ने अपने समर्थकों के साथ बेंती राजभवन में बैठक भी की। राजा भैया ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस दल के प्रत्याशी को आप कसौटी पर खरा पाते हों, उसको वोट दें। लेकिन सूत्र बताते हैं कि राजा भइया ने अपने सर्थकों को मैसेज भेज दिया है कि वह कौशांबी और प्रतापगढ़ में सपा प्रत्याशियों का समर्थन करें।
गौरतलब है कि राजा भइया का अवध क्षेत्र की प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, और अमेठी में खासा प्रभाव है। इसलिए बीजेपी और सपा उनका समर्थन पाने के लिए बेताब हैं। बताते चलें कि राजा भइया ने वर्ष 1993 में बतुर निर्दल उम्मीदवार कुंडा विधानसभा से चुनवव लड़ा था और विधानसभा पहुंचे थे। वह सपा सरकार में काबीना मंत्री भी रहे।