
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आजकल मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करने से आंखों की रोशनी पर तेजी से असर पड़ रहा है। जिसकी वजह से कम उम्र में ही चश्मा लगने के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर आप समय रहते अपनी दिनचर्या और खानपान पर ध्यान दें, तो अपनी आंखों की रोशनी को कमजोर होने से बचा सकते हैं।
आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, कुछ आसान टिप्स अपनाकर न केवल आंखों की रोशनी बल्कि चश्मे का नंबर भी धीरे-धीरे कम किया जा सकता है।
अपने मुंह में पानी भरें और अपनी आंखों पर पानी के छींटे मारें।
आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि रोज सुबह मुंह में ठंडा पानी भरकर आंखों पर पानी के छींटे मारना आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
यह विधि आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है।
यह लंबे समय तक स्क्रीन को देखने से होने वाली थकान से राहत देता है।
इससे आंखों में नमी बनी रहती है, जिससे आंखों के सूखेपन की समस्या कम होती है।
यह एक बहुत ही सरल उपाय है, जिसे आप हर सुबह उठने के बाद या ऑफिस में ब्रेक के दौरान भी अपना सकते हैं।
प्राणायाम से दृश्य तीक्ष्णता बढ़ेगी।
योग और प्राणायाम न केवल शरीर को स्वस्थ बनाते हैं बल्कि आंखें भी स्वस्थ रहती हैं।
अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम करने से आंखों की नसों में रक्त संचार बेहतर होता है।
इससे आंखों की थकान और सूजन कम हो जाती है।
नियमित प्राणायाम करने से मानसिक तनाव कम होता है, जो आंखों की कमजोरी का मुख्य कारण है।
प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट प्राणायाम का अभ्यास करने से दृष्टि में धीरे-धीरे सुधार होता है।
आंवला का सेवन करें।
आंवला आंखों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
आप इसका उपयोग आंवला जूस, मुरब्बा या पाउडर के रूप में कर सकते हैं।
इसके नियमित सेवन से आंखों की रेटिना मजबूत होती है और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
सुबह खाली पेट आंवले का जूस पीना आंखों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है।
उचित आहार और दिनचर्या का महत्व
आंखों के स्वास्थ्य के लिए न केवल सुझाव, बल्कि उचित आहार और जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है।
हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, चुकंदर और अखरोट खाएं।
देर रात तक मोबाइल फोन और टीवी का उपयोग कम करें।
पर्याप्त नींद लें ताकि आपकी आँखों को पूरा आराम मिल सके।