Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तय कार्यक्रम से लगभग 38 मिनट देर से बस्ती पहुंचे। उनका हेलिकॉप्टर श्री कृष्ण पांडेय इंटर कॉलेज के मैदान में उतरा, जहाँ से वे कार से सीधे सदर अस्पताल चौराहे स्थित शिवधाम न्यास पहुँचे। वहाँ उन्होंने ब्रह्मलीन संत देशबंधु नंदानाथ को श्रद्धांजलि दी।
देशबंधु नंदानाथ, जिन्हें लोग नन्दाबाबा या यशोदानंद श्रीवास्तव के नाम से भी जानते थे, राममंदिर आंदोलन से जुड़े महंत अवेद्यनाथ के बेहद करीबी माने जाते थे। उन्होंने राममंदिर आंदोलन के दौरान जेल में रहकर भी इसकी गति कम नहीं होने दी। 1949 में फरेनिया, देवकली में जन्मे यशोदानंद ने बीएचयू से बीएएमएस की पढ़ाई की और फिर चिकित्सा सेवा में कार्य शुरू किया। उनका निधन 4 नवंबर को हुआ था।
वे सिर्फ चिकित्सक ही नहीं, बल्कि समाजसेवा में भी काफी सक्रिय रहे। जनपद में कांवड़ मेला शुरू कराने और सदर अस्पताल परिसर में दुर्गापूजा पंडाल लगाने में उनकी अहम भूमिका रही। राममंदिर आंदोलन के समय जब महंत अवेद्यनाथ नेतृत्व कर रहे थे, तब यशोदानंद कारसेवक बनकर अयोध्या पहुँचे और जेल भी गए।
एक समय वे चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन महंत अवेद्यनाथ ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। शिवधाम न्यास के सदस्य गौरव श्रीवास्तव लबी के अनुसार, समय के साथ यशोदानंद जनता के बीच देशबंधु नंदानाथ के नाम से प्रसिद्ध हो चुके थे।
आज जिले में पाँच लाख से अधिक कांवड़िए तेरस के दिन बाबा भद्रेश्वरनाथ धाम पहुँचकर जल अर्पित करते हैं। इस परंपरा की शुरुआत में देशबंधु नंदानाथ की बड़ी भूमिका मानी जाती है। मुख्यमंत्री के आगमन पर डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, विधायक अजय सिंह, पूर्व विधायक दयाशंकर चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की।




