
नई दिल्ली। ABG शिपयॉर्ड घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की कार्रवाई लगातार जारी है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में मुंबई, सूरत, पुणे सहित देश के कई अन्य शहरों में भी छापेमारी की कार्रवाई की। बता दें कि बड़ी शिप निर्माण कंपनियों में से एक एबीजी शिपयार्ड पर 28 बैंकों में 22 हजार 842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि ये छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही हैं। मंगलवार को ईडी ने ये कार्रवाई एबीजी शिपयार्ड, सहयोगी कंपनियों औऱ अधिकारियों पर की है।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सीबीआई की FIR के आधार पर बीते फरवरी महीने में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। शुरुआती जांच में सामने आया था कि बैंक से ली गई रकम को भारत और विदेश में भेजा गया था। जांच जब और आगे बद्दी तो पता चला कि 100 शेल कंपनियों के माध्यम से इस काम को अंजाम दिया गया था।
इसके बाद सीबीआई ने एबीजी (ABG Shipyard Scam) पर ICICI बैंक के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के कंसोर्टियम से 22 हजार 842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए और ईडी (Enforcement Directorate) के समक्ष मुकदमा दर्ज कराया। इस दौरान सबसे बड़ी राशि ICICI (7,089 करोड़) है। इसके बाद IDBI (3,639 करोड़), SBI (2,925 करोड़), बैंक ऑफ बड़ौदा (1,614 करोड़) और पंजाब नेशनल बैंक (1,224 करोड़) रुपये का नाम है।
सीबीआई और ईडी (Enforcement Directorate) ने इस पूरे मामले में एबीजी (ABG Shipyard Scam) के पूर्व चेरयमैन और एमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल और अन्य निदेशकों को आरोपी बनाया है। इससे पहले सीबीआई ने भी बीते 12 फरवरी को अलग-अलग शहरों में छापेमारी की थी। बताया जा रहा है कि साल 2018 में हुए फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला था कि अप्रैल 2012 और जुलाई 2017 के बीच आरोपियों ने साजिश रची और धन की हेराफेरी समेत कई गैरकानून गतिविधियों को अंजाम दिया।
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