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आखिर देश में कैसे बढ़ गया Coal Crisis? सरकार ने उठाए ज़रूरी कदम, मंत्रालय कर रहा निगरानी

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देश पर फिलहाल बड़ा बिजली संकट मंडराता हुआ नज़र आ रहा है, आपको बता दें कि कोयले की भारी कमी (Coal Crisis) को देखते हुए एक कोर मैनेजमेंट टीम (CMT) का गठन किया गया है, जो हर दिन कोयले के स्टॉक की बारीकी से निगरानी और मैनेजमेंट कर रहा है. ऊर्जा मंत्रालय (Ministry Of Power) ने शनिवार को ये जानकारी दी.

Coal Crisis

वहीँ बता दें कि पावर प्लांट्स (Power Plants) को कोयले की आपूर्ति में सुधार के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) और रेलवे के साथ भी जरूरी कार्रवाई को ऊर्जा मंत्रालय सुनिश्चित कर रहा है.ऊर्जा मंत्रालय ने कहा, ‘कोयला मंत्रालय (Ministry Of Coal) और कोल इंडिया लिमिटेड ने आश्वासन दिया है कि वे अगले 3 दिन में बिजली क्षेत्र को प्रतिदिन 1.6 मीट्रिक टन तक कोयला भेजने की सीमा को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे रोजाना 1.7 मीट्रिक टन करने की कोशिश की जा रही है. इससे निकट भविष्य में पावर प्लांट्स में कोयले के भंडार के निर्माण में मदद मिलने की संभावना है.(Coal Crisis)

ये हैं कोयले (Coal Crisis) और बिजली सकंट की वजहें

दरअसल विदेश से आयात होने वाले कोयले की कीमत में रिकॉर्ड स्तर का उछाल आया है. इसी की वजह से कोयले के आयात में कमी आई है. इसका प्रभाव कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों पर पड़ रहा है. (Coal Crisis)

सूत्रों के अनुसार, कोयले की कमी (Coal Crisis) के कारण दिल्ली और पंजाब सहित कई राज्यों में बिजली का संकट बड़ा होने की आशंका है. देश के कई राज्यों में इस साल रिकॉर्ड बारिश हुई है. जिसकी वजह से कोयला सप्लाई में बाधा आई है. इसके कारण कोयले से बिजली पैदा करने वाले पावर प्लांट्स अपनी क्षमता के आधे से भी कम बिजली का उत्पादन कर रहे हैं.

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