जयपुर।। प्रदेश में आई फ्लू के मामले बढ़ने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। चिकित्सा विभाग ने आई फ्लू से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने के दिशा निर्देश जारी किए है। चिकित्सा विभाग की ओर से सभी सीएमएचओ और पीएमओ को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर बारिश के मौसम में फैल रहे कंजेक्टिवाइटिस (आईफ्लू) नामक आंखों के संक्रमण की बीमारी से बचाव और रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने चिकित्सा विभाग के सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक आई फ्लू से बचाव और रोकथाम की जानकारी का प्रचार प्रसार किया जाए। इस बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयां प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में उपलब्धता सुनिश्चित करें।
जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर के मुताबिक आई फ्लू एक प्रकार का संक्रमण है, जो वायरस या बैक्टीरिया से फैलता है। यह बीमारी मानसून के मौसम और जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है। आंखों में लालपन, सूजन, लीड्स में सूजन और खुजली इस संक्रमण के प्रमुख लक्षण हैं। आंखों में पीलापन और पानी बहना भी इसके लक्षण हैं। आई फ्लू के कारण बच्चों में आंखों के संक्रमण के साथ बुखार भी आ सकता है। आई फ्लू के उपचार के लिए हमेशा आंखों को साफ रखना चाहिए। हाथों को बार-बार धोना आवश्यक है। संक्रमण होने पर काले चश्मे का उपयोग किया जाना जरूरी है, ताकि यह संक्रमण दूसरों में नहीं फैले।
संक्रमण होने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर डॉक्टर से संपर्क करें। चिकित्सकों के मुताबिक आई फ्लू से बचाव के लिए नियमित तौर पर हाथों को साबुन से धोना चाहिए। आंखों को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। जिस व्यक्ति को संक्रमण है, वह अपना तौलिया, रुमाल, तकिया, बेडशीट और अपने कपड़े दूसरे व्यक्ति से शेयर नहीं करें। आस-पास के वातावरण को साफ रखें। इन दिनों भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और स्विमिंग पूल में जाने से बचें।