
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट बांटकर सियासी भूचाल ला दिया है। गौरतलब है कि इस बार जेडीयू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने की पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए सीधे मुख्यमंत्री आवास से टिकट बांटे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भाजपा ने भी अपने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं का टिकट काटने और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को उम्मीदवार बनाने जैसे चौंकाने वाले फैसले लिए गए हैं। पूरा घटनाक्रम एनडीए में तनाव का संकेत दे रहा है, हालांकि गठबंधन के नेताओं की ओर से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि "सब कुछ ठीक है"।
मुख्यमंत्री आवास पर सियासी गरमाहट: जेडीयू में टूट रही परंपरा
बिहार में 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में होने वाले चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित होने हैं, लेकिन उससे पहले ही एनडीए के अंदर सियासी घमासान मचा हुआ है। परंपरा के मुताबिक, जेडीयू अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा प्रेस कॉन्फ्रेंस में करती थी, लेकिन इस बार नीतीश कुमार ने मंगलवार को सीधे मुख्यमंत्री आवास से टिकट बंटवारे की शुरुआत की, जो भाजपा के साथ सीट बंटवारे के समझौते से उनकी नाराजगी को दर्शाता है। यह पहली बार है जब भाजपा और जेडीयू को बराबर-बराबर यानी 101-101 सीटें मिली हैं।
इस फ़ैसले के बाद पूरे दिन मुख्यमंत्री आवास पर उम्मीदवारों का तांता लगा रहा। टिकट पाने वालों में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, प्रदेश जदयू अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (महनार) और कद्दावर नेता अनंत सिंह (मोकामा) शामिल थे, जिनमें से कई ने तुरंत अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
भाजपा के आश्चर्यजनक निर्णय और आंतरिक असंतोष
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी 71 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें कुछ चौंकाने वाले फैसले देखने को मिले हैं। पार्टी ने सात बार के विधायक और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट काट दिया है। वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को लगभग एक दशक बाद विधानसभा चुनाव में उतारा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पांडेय, जो वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं, को भी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।
जेडीयू के भीतर भी अंदरूनी असंतोष सामने आया। गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल बिना अनुमति के मुख्यमंत्री आवास में घुस गए, जिससे नीतीश कुमार नाराज़ हो गए और उन्होंने मंडल से मिलने से इनकार कर दिया। इसके बाद मंडल ने धरना भी दिया।
गठबंधन नेताओं में मतभेद: विपक्ष का दरार का दावा
इस अफवाह के बीच कि नीतीश कुमार कम सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं, एनडीए नेताओं ने मीडिया में लगातार यह संदेश देने की कोशिश की कि गठबंधन में "सब ठीक है"।
- जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने इन अफवाहों को विपक्ष द्वारा फैलाया गया बताया।
- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है।
- जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने 6 सीटें जीती हैं, जिससे मांझी नाखुश हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि मतभेदों के कारण गठबंधन नहीं टूटेगा।
एनडीए में चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 29 और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6 सीटें दी गई हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार जेडीयू की कुछ सीटें पहले पासवान की पार्टी को दिए जाने से नाराज़ हैं। इस बीच, महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच मतभेद की खबरें आ रही हैं, हालाँकि सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के 6 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं।