Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने हाल ही में बिजली दरों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्ट किया है कि यह बढ़ोतरी सीधे उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगी। यूपीसीएल ने कहा कि यह 16 प्रतिशत केवल ट्रु-अप समायोजन से उत्पन्न तकनीकी गणना का हिस्सा है और इसे नए वित्तीय वर्ष के लिए वास्तविक टैरिफ वृद्धि के रूप में लागू नहीं किया जाएगा।
यूपीसीएल ने बताया कि वर्ष 2026-27 के लिए केवल 2.64 प्रतिशत सामान्य टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष पेश किया जाएगा। टैरिफ प्रस्ताव आयोग के निर्देशानुसार दस दिसंबर तक दायर किए जाएंगे, जिसके बाद आयोग उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लेगा।
यूपीसीएल ने यह भी कहा कि अगर वैधानिक दावा समय पर प्राप्त होता, तो ट्रु-अप समायोजन के कारण 16 प्रतिशत का आंकड़ा सामने ही नहीं आता। निगम का उद्देश्य हमेशा उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डालना नहीं रहा है।
राज्य के उद्योग, किसान, व्यापारी और घरेलू उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, किफायती और गुणवत्तापूर्ण बिजली सेवाएं उपलब्ध कराना यूपीसीएल की प्राथमिकता है। टैरिफ के किसी भी प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय पारदर्शिता, उपभोक्ता सहभागिता और नियामकीय समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा।
इसके साथ ही यूपीसीएल ने प्रदेश में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए जारी सुधारों का भी जिक्र किया। इसमें नए उपकेंद्रों का निर्माण, ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, पुरानी लाइनों का उन्नयन, भूमिगत केबलिंग, नेटवर्क सुदृढ़ीकरण, स्मार्ट मीटरिंग, फाल्ट प्रबंधन, ऑनलाइन मॉनीटरिंग और डिजिटल बिलिंग जैसी आधुनिक तकनीक शामिल हैं। इन प्रयासों से लाइन लास में कमी आई है और विद्युत वितरण प्रणाली और अधिक भरोसेमंद बनी है।
यूपीसीएल का यह स्पष्ट संदेश है कि बिजली की गुणवत्ता और विश्वसनीय आपूर्ति सर्वोपरि है और दर वृद्धि केवल नियामक प्रक्रिया के अनुसार ही लागू होगी।




