उत्तराखंड॥ पर्यावरण बचाव के लिए काम करने वाली पिथौरागढ़ की हरेला सोसायटी एक मर्तबा फिर सु्र्खियों में है। समाज की तरफ से बनाई गई जुगनू लाइट दिवाली में आशियाने को रोशन करने के साथ ही पर्यावरण बचाव में भी मददगार साबित हो रही है। ये दीपक और लाइटें कबाड़ की बोतलों से तैयार की गई है।
आपको बता दें कि हरेला समाज ने कबाड़ की बोतलों को काटकर उसमें मोम की जगह च्युरे के घी का उपयोग किया है। वनस्पति घी से तैयार इस कैंडल से जहां कार्बन नहीं होता तो वहीं ये दीपक 8 से 10 घंटे तक घरों को रोशन करता है। हालांकि, इस दीए की प्राइस आम दीयों के मुकाबले बहुत ज्यादा है, मगर पर्यावरणीय पहल के चलते लोगों को खूब पसंद आ रहा है।
पिछले कई वर्षों से हरेला सोसायटी रीसाइक्लिंग का कार्य करती है। हरेला समाज ने कबाड़ से कांच की बोतलों को इकट्ठा कर और उसे काटकर कैंडल लैंप का रूप दिया है। साथ ही तेल या मोम के बजाए वनस्पति घी का उपयोग कर इको फ्रेंडली दीपक तैयार किए है। कुलकर मिलकर ये जुगाड़ बढ़िया है।