(दिल्ली दौरा)
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता इन दिनों खाली बैठे हुए हैं। लंबे समय से त्रिवेंद्र सिंह रावत न तो उत्तराखंड में और न केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन जब-जब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह दिल्ली जाते हैं तो अटकलों का बाजार गर्म हो जाता है।
कुछ महीने पहले भी वो दिल्ली गए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। तब भी चर्चा थी कि उन्हें कोई बड़ा पद दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब एक बार फिर भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली दौरे पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात की है। कल त्रिवेंद्र सिंह रावत राजनाथ सिंह से मिले थे, वहीं आज सुबह उन्होंने जेपी नड्डा से मुलाकात की। त्रिवेंद्र सिंह रावत की इन मुलाकातों के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। हालांकि रावत ने राजनाथ सिंह जेपी नड्डा से हुई मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है। लेकिन चर्चा है कि भाजपा हाईकमान उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देने का मन बना चुका है। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत संगठन के वरिष्ठ नेता हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और झारखंड के प्रभारी के अलावा यूपी में बीजेपी के सह प्रभारी भी रह चुके हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत 2017 में उत्तराखंड के सीएम बने। लेकिन 4 साल तक सीएम रहने के बाद मार्च 2021 में उन्हें सीएम की कुर्सी से अचानक हटना पड़ा तो वे कुछ समय के लिए सक्रिय राजनीति से दूर हो गए। केंद्रीय नेतृत्व के अचानक लिए गए फैसले से वे नाराज भी नजर आए। करीब दो साल तक सक्रिय राजनीति से दूरी बनाकर चलते रहे और सीमावर्ती इलाकों को दौरा करने के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपनी बात रखते आए। अब त्रिवेंद्र फिर से एक्टिव नजर आ रहे हैं।
बीजेपी उनके अनुभव का इस्तेमाल चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कर सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लंबे समय से उत्तराखंड में रक्तदान और वृक्षारोपण जैसे कार्य में लगे रहे हैं। लिहाजा इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी भी उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को दी है। त्रिवेंद्र रावत की दिल्ली दौड़ ऐसे समय पर अहम मानी जा रही है जब पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर काफी तेजी से तैयारियों में जुटी है। इस बीच कई चुनावी राज्यों में त्रिवेंद्र की भूमिका अहम रह सकती है।