
हरिद्वार। अगर सोच सही और इरादे फौलादी हों तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है। इसका उदाहरण पेश किया है उत्तराखंड के एक दिव्यांग शिक्षक ने। हरिद्वार के दिव्यांग शिक्षक प्रदीप नेगी ने अपने कार्य कौशल से यह साबित कर दिया है कि अगर इनोवेटिव सोच और काम से लगाव हो तो शारीरिक चुनौतियां भी मगर में बाधक नहीं बनती हैं।
जी हां हरिद्वार के बीएचईएल सेक्टर वन स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षक प्रदीप नेगी वैसे तो दिव्यांग हैं लेकिन उनकी इनोवेटिव सोच और पढ़ाने का खास अंदाज उन्हें दूसरे अन्य शिक्षकों से अलग और ख़ास बनाता है। उनके इसी खास अंदाज और लगन की वजह से उन्हें शिक्षक दिवस पर “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार” से भी नवाजा जा चुका है।
अर्थशास्त्र के शिक्षक प्रदीप नेगी बच्चों को पढ़ाने में कुछ खास करने की चाह रखते हैं। उन्होंने बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट, ब्लॉग और यूट्यूब चैनल बनाया है। इस पर वे सिलेबस के सारे लेक्चर अपलोड करते हैं और बच्चों को व्हाट्सएप के जरिए शेयर भी करते हैं। प्रदीप नेगी सरकारी ऑनलाइन टीचिंग प्लेटफार्म का भी हिस्सा हैं। स्कूल के सभी छात्र उन्हें बेहद पसंद करते हैं। प्रदीप नेगी की बनाई हुई वेबसाइट और बच्चों की पढ़ाई के लिए तैयार किया गया कंटेंट छात्रों के लिए काफी मददगार साबित होता है।
इंटर में छात्र सूर्यांश और छात्रा साधना बताते है कि कोरोना काल में भी प्रदीप नेगी ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध कराते थे जिससे उन सबकी पढ़ाई उस समय भी बाधित नहीं हुई और लगातार ऑनलाइन पढ़ने से उनकी पढ़ाई में सुधार हो रहा है।
शिक्षण में नवाचार और बेहतर सेवा के लिए शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदीप नेगी को “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार” से भी नवाजा जा चुका है । भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खुद प्रदीप नेगी को इससे पुरस्कृत किया। नेगी को इससे पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।