रुद्रप्रयाग/केदारनाथ। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मनोज रावत ने शुक्रवार केदारपुरी पहुंचकर बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। उन्होंने बाबा केदार के चरणों में प्रणाम किया और धाम से चुनावी अभियान का आगाज किया। इस दौरान उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से भी मुलाक़ात की और केदारनाथ धाम की पौराणिकता व धार्मिकता को बनाये रखने का संकल्प लिया।
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत केदारनाथ धाम पहुंचे, जहां तीर्थ पुरोहित समाज एवं कांग्रेस नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। उन्होंने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और बाबा का आशीर्वाद लेते हुए चुनावी अभियान की शुरूआत की। कांग्रेस प्रत्याशी ने बताया कि एक सच्चे सनातनी के तौर पर अपने आराध्य बाबा केदार के चरणों में प्रणाम करते हुए अपने चुनावी अभियान की विधिवत शुरुआत की है। बाबा केदार के प्रांगण में समस्त तीर्थ पुरोहितों से भी मुलाकात की और केदारधाम की पौराणिकता व धार्मिकता को बनाये रखने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि केदारपुरी में शांति बनी रहे और श्रद्धालु सुख-समृद्धि प्राप्त करें। प्रदेश के राजनेताओं को बाबा केदार सदबुद्धि प्रदान दें। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में देश-विदेश से हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैंं। इनमें कई ऐसे यात्री होते हैं, जो काफी गरीब होते हैं। धन के अभाव में उन्हें ठंड में बाहर रात काटनी पड़ती है। ऐसे में वे चाहते हैं कि केदारनाथ धाम में गरीब श्रद्धालुओं के लिए रहने व खाने की व्यवस्था की जाए।
केदारनाथ धाम में गरीबों के लिए आसरा बनाया जाना चाहिए। तीर्थ पुरोहित समाज से मुलाकात करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत ने कहा कि केदारनाथ धाम की परम्परा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। केदारनाथ धाम का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। बाबा का धाम योग और अध्यात्म का प्रतीक है, लेकिन इस धाम की पवित्रता को खत्म करने की साजिश प्रदेश सरकार कर रही है, जिसका उदाहरण दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का होना है, जिसके लिए केदारपुरी से शिला को ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा से स्थानीय लोगों का छः माह का रोजगार जुड़ा हुआ है और इस रोजगार पर भी प्रदेश सरकार की गिद्ध नजर है। बाहरी पूंजीपतियों के हाथों यहां के रोजगार को बेचने को प्रयास किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य गणेश तिवाड़ी, तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती, उमेश पोस्ती सहित अन्य मौजूद थे।