img

Maithili stories collection: साहित्यकार महाप्रकाश की मैथिली कहानियों का संग्रह 'सागर मुद्रा' का विमोचन

img

सहरसा जिले के बनगांव निवासी मैथिली व हिन्दी के प्रसिद्ध दिवंगत साहित्यकार महाप्रकाश के अप्रकाशित मैथिली कहानियों का संग्रह सागर मुद्रा का विमोचन कल शहर के कायस्थ टोला स्थित प्रसिद्ध साहित्यकार शालिग्राम सिंह के आवासीय परिसर में किया गया।

किसुन संकल्प लोक द्वारा प्रकाशित यह कथा संग्रह मैथिली साहित्य के लिए एक सकारात्मक उपलब्धि है और लम्बे समय से महाप्रकाश की अप्रकाशित कथा संकलन की प्रतीक्षा की जा रही थी। पुस्तक का विमोचन करते हुए वयोवृद्ध लेखक शालिग्राम सिंह ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि कभी सहरसा के साहित्यिक परिदृश्य में सुकान्त, सुभाष और महाप्रकाश की तिकड़ी प्रसिद्ध थी, जिसका नामकरण स्वयं बाबा नागार्जुन ने किया था और इस तिकड़ी के महत्वपूर्ण रचनाकार थे महाप्रकाश। उन्होंने सागर मुद्रा के पन्नों को पलटते हुए प्रसन्नता जतायी।

लेखक एवं प्राध्यापक डा धर्मव्रत चौधरी ने कहा कि इस कथा संग्रह के प्रकाशन से पाठक महाप्रकाश की वैचारिकी से कथा के माध्यम से रुबरु हो पायेंगे। नये लेखकों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। लेखक और सिनेकर्मी किसलय कृष्ण ने कहा कि महाप्रकाश की कथाओं में युगीन चेतना के साथ ही बेछप शिल्प और विविध कथ्यों का सार्थक समावेश है। नये लेखकों के लिए यह संग्रह महत्वपूर्ण है।

लेखक और कवि कुमार विक्रमादित्य ने कथा संग्रह के प्रकाशन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मुझे विराट व्यक्तित्व के धनी साहित्यकार महाप्रकाश के सान्निध्य का सौभाग्य तो नहीं मिला लेकिन आज उनके कथा संग्रह के विमोचन समारोह का साक्षी बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। शीघ्र ही सागर मुद्रा पढ़कर इस महत्वपूर्ण किताब के सन्दर्भ में कुछ लिखना चाहूंगा। महाप्रकाश के पुत्र अमित प्रकाश ने कहा कि आज का यह क्षण मेरे लिए कारुणिक और हर्षदायक दोनों ही है। पिता की अनुपस्थिति मन को झकझोर रहा है तो उनकी अप्रकाशित रचनाओं के प्रकाशन से खुशी हो रही है।

इस मौके पर संस्कृति मिथिला के अध्यक्ष रामकुमार सिंह, उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र झा एवं पं तरुण झा, मैथिली प्राध्यापक डॉ. संजय वशिष्ठ, सुशान्त सिंह, भोगेन्द्र शर्मा निर्मल सहित अन्यान्य लोग भी उपस्थित थे।

Related News