मुंबई। se,xual harassment मामले में ‘त्वचा से त्वचा के संपर्क’ की आवश्यकता को खारिज करते हुए विशेष पोक्सो कोर्ट ने मुंबई के एक 40 वर्षीय व्यक्ति को दोषी (Child abuse) करार देते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पिता को उसकी 5 साल की बेटी के प्राइवेट पार्ट्स को कपड़ों के ऊपर से बार-बार छूने के आरोप पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने बचाव पक्ष के उस तर्क को ख़ारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि बच्ची ने “उंगली” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। बचाव पक्ष की दलीलों को आश्चर्यजनक बताते हुए, विशेष पास्को कोर्ट ने कहा कि पोक्सो अधिनियम की संबंधित धारा यह परिभाषित नहीं करती है कि यौन उत्पीड़न (Child abuse) की घटना में एक हमलावर को बच्चे के निजी अंगों को कैसे छूना है। यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध आरोपी के यौन इरादे के बारे में बात करता है।
बच्ची के पिता को नरमी देने से इनकार करते हुए, कोर्ट ने कहा, “एक पिता एक किला होता है, अपनी बेटी का ट्रस्टी होता है। ऐसे में यह अपराध और भी गंभीर हो जाता है।’ वहीं पिता का वादा है कि बच्ची की मां यानी उसकी पत्नी ने उसे झूठे केस में फंसाया था क्योंकि बच्ची की देखभाल में उसकी अरुचि को लेकर उन दोनों में अक्सर झगड़ा होता था। (Child abuse)
आरोपी पिता ने कहा कि बच्ची को बरगलाया गया है। हालांकि, बच्ची ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि उसकी मां “अच्छा खाना” बनाती है। अदालत ने कहा, “पीड़िता की हरकतों पर सबसे पहले उसकी शिक्षिका ने गौर किया और इसके बाद उनकी मां को पता चला था इसलिए शिकायत की वजह से आरोपी को झूठे फंसाने की कोई संभावना ही नहीं बनती है।” (Child abuse)
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