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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में हैं। गुरुवार (4 दिसंबर) शाम 7 बजे उनका विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। पुतिन का स्वागत करने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी पालम एयरपोर्ट पहुँचे। पुतिन को आज (5 दिसंबर) राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। आइए बताते हैं कि किसी भी देश के प्रमुख को कौन सी सेना गार्ड ऑफ ऑनर देती है और इसके लिए कितने सैनिकों की ज़रूरत होती है?

गार्ड ऑफ ऑनर किसे दिया जाता है?

भारत में सर्वोच्च गार्ड ऑफ ऑनर केवल दो श्रेणियों के लोगों को दिया जाता है। भारत के राष्ट्रपति पहले स्थान पर आते हैं, उसके बाद अन्य देशों के राष्ट्रपतियों को। गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इसी श्रेणी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। इसके अलावा, भारत के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपालों को भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है, लेकिन ये अंतर-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर होते हैं, जिनमें सैनिकों की संख्या कम होती है।

कौन सी सेना सलामी देती है?

आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि गार्ड ऑफ ऑनर सिर्फ़ एक बल की ज़िम्मेदारी नहीं है। इसमें तीनों सशस्त्र बल शामिल होते हैं: थलसेना, वायुसेना और नौसेना। इसे ट्राई-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर कहा जाता है। दरअसल, राष्ट्रपति भवन के सामने तीनों सेनाओं के लिए एक साझा गार्ड होता है, जिसका संचालन दिल्ली क्षेत्र के राष्ट्रपति अंगरक्षक (PBG) द्वारा किया जाता है। यह दुनिया की सबसे पुरानी घुड़सवार सेना रेजिमेंट है, जिसकी स्थापना 1773 में हुई थी।

कितने सैनिक गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं?

केंद्र सरकार ने गार्ड ऑफ ऑनर के लिए नियम निर्धारित किए हैं। रक्षा मंत्रालय के प्रोटोकॉल के अनुसार, किसी भी राष्ट्रपति (चाहे वह भारतीय हो या विदेशी) को 150 सैनिक गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं। इसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना के 50-50 सैनिक शामिल होते हैं। इसके अलावा, राष्ट्रपति के अंगरक्षक दल के 20-25 घुड़सवार भी गार्ड ऑफ ऑनर प्रक्रिया में शामिल होते हैं।

जब जो बाइडेन, बराक ओबामा और इमैनुएल मैक्रों भारत आए थे, तो उन्हें 150 सैनिकों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया था। इसी तरह, पुतिन को भी 150 सैनिकों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया था। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति को 100 सैनिक, प्रधानमंत्री को 100 सैनिक, रक्षा मंत्री को 50 सैनिक और राज्यपाल को 50 सैनिक (राज्य पुलिस गार्ड और एक छोटी सैन्य टुकड़ी) गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं।

पूरी प्रक्रिया कैसी है?

जब किसी भी देश के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आते हैं, तो उनके स्वागत में लाल कालीन बिछाया जाता है। इसके बाद तीनों सेनाओं के जवान एक पंक्ति में खड़े होकर शस्त्र-प्रत्यारोपण करते हैं। सबसे पहले, मेहमान राष्ट्रपति के देश का राष्ट्रगान बजाया जाता है, उसके बाद भारतीय जन गण मन बजाया जाता है। इस दौरान, भारतीय राष्ट्रपति और विदेशी मेहमान सलामी लेते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 21 मिनट लगते हैं, जिसमें एक मिनट भी नहीं बदलता।