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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अयोध्या में आखिरकार वो घड़ी आ ही गई , जब राम मंदिर के शिखर पर पवित्र ध्वजा फहरा दी गई। भव्य मंदिर का निर्माण अब पूरी तरह से पूरा हो चुका है और आज भगवा रंग की आभा से जगमगाता पवित्र ध्वजा उस पर फहरा दी गई। राम मंदिर के शिखर पर ये पवित्र ध्वजा न सिर्फ़ आस्था का प्रतीक है, बल्कि गौरव और समृद्ध परंपरा का भी प्रतीक है। आइए जानते हैं कि राम मंदिर का असली मालिक कौन है और यहाँ आने वाला सारा धन किसे जाता है।

राम मंदिर का मालिक कौन है ?

अयोध्या का राम मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ा तीर्थस्थल भी बन गया है। लेकिन, इस विशाल मंदिर का कानूनी मालिक कौन है , इसका रखरखाव कौन करता है और यहाँ आने वाले अरबों रुपयों का दान आखिर किसे मिलता है ? आइए इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से समझते हैं ।

सारा पैसा किसे मिलेगा?

राम मंदिर के लिए प्राप्त प्रत्येक दान, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, सीधे ट्रस्ट के बैंक खाते में जमा किया जाता है। दानदाताओं में आम भक्तों से लेकर बड़ी कंपनियाँ तक शामिल हैं । कुछ लोग सीधे नकद दान करते हैं , जबकि अन्य सोने-चाँदी जैसी कीमती वस्तुएँ देते हैं। इन दानों का रिकॉर्ड बेहद पारदर्शी तरीके से रखा जाता है। मंदिर परिसर में कई दान काउंटर बनाए गए हैं, जहाँ दान की रसीदें भी दी जाती हैं । दान पेटियों से धन निकालने की प्रक्रिया की निगरानी भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी और ट्रस्ट के सदस्य संयुक्त रूप से करते हैं ।

दान किए गए प्रत्येक पैसे का लेखा-जोखा

मार्च 2023 तक, ट्रस्ट के विभिन्न बैंक खातों में ₹ 3,000 करोड़ से अधिक जमा हो चुके थे । इसमें से ₹ 1,000 करोड़ से अधिक मंदिर निर्माण पर खर्च किए जा चुके हैं । शेष धनराशि का उपयोग मंदिर के रखरखाव, सुरक्षा, भविष्य के विस्तार और धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है । ट्रस्ट ने लगातार यह सुनिश्चित किया है कि दान में प्राप्त प्रत्येक पैसे का उचित उपयोग किया जाए और सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखा जाए। संक्षेप में, मंदिर कानूनी रूप से रामलला का है , लेकिन इसका रखरखाव, विकास और वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथों में है ।

राम मंदिर का निर्माण पूरा

आज, 25 नवंबर 2025, भारतीय इतिहास के पन्नों में एक अहम तारीख बन गई है , क्योंकि एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार ये सपना साकार हुआ है और आज मंदिर का पूरा काम पूरा हो गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने ध्वजारोहण किया । जो राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने का हिस्सा था । इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष की साक्षी बन रही है । श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का ये क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। ये धर्म ध्वजा सिर्फ़ एक ध्वज नहीं है... ये भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण की ध्वजा है । ये ध्वजा संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों पुराने स्वप्नों का साकार रूप है , संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणति है ।”