
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पटना हाई कोर्ट ने एक बार फिर ध्वनि प्रदूषण को लेकर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने पटना जिले के अलग-अलग एसडीओ की रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए पाया कि अभी तक आदेशों का पूरी तरह पालन नहीं हुआ है। इसी वजह से मसौढ़ी, कदमकुआं और पीरबहोर थाने के प्रभारी को तलब किया गया है। साथ ही चार एसडीपीओ को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है।
न्यायमूर्ति राजीव रॉय की एकलपीठ में यह सुनवाई हुई। सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने पटना सिटी, दानापुर, मसौढ़ी और बाढ़ के एसडीओ की ओर से रिपोर्ट पेश की। इनमें बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ किस तरह कार्रवाई की गई है।
कोर्ट ने पटना सिटी एसडीओ की रिपोर्ट की विशेष सराहना की। यहां कई डीजे जब्त किए गए और नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया। बाढ़ और पटना सिटी दोनों जगह एसडीओ ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि लोग आसानी से शिकायत दर्ज करा सकें। कोर्ट ने बाकी एसडीओ को भी कंट्रोल रूम नंबर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
एमिकस क्यूरी अजय ने कोर्ट से आशंका जताई कि शिकायत करने वालों को डीजे संचालक परेशान कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ने साफ कहा कि शिकायतकर्ताओं की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
कोर्ट ने यह भी माना कि ध्वनि और वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। इसलिए प्रशासन को इसे रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे। आदेश दिया गया है कि 112 नंबर पर आने वाली हर शिकायत दर्ज की जाए। इसके अलावा स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों को ‘नो हॉर्न जोन’ घोषित करने और लोगों को नियमित रूप से जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2025 को होगी।
पटना हाईकोर्ट में नवनियुक्त जजों का स्वागत
इधर पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे से नियुक्त हुए नए न्यायाधीशों – जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा, जस्टिस सौरेंद्र पांडेय, जस्टिस सोनी श्रीवास्तव और जस्टिस अजीत कुमार के सम्मान में स्वागत समारोह आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम बिहार स्टेट बार काउंसिल भवन के ब्रज किशोर सभागार में अधिवक्ता समन्वय समिति की ओर से हुआ।
इस मौके पर अधिवक्ता समाज ने नवनियुक्त जजों के साथ-साथ बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा और सदस्य योगेश चंद्र वर्मा का भी शॉल और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
वक्ताओं ने कहा कि न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए बार और बेंच के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। अधिवक्ताओं की कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान न्यायाधीशों के सहयोग से ही संभव है। काउंसिल अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि यह पूरे अधिवक्ता समाज के लिए गर्व की बात है कि जिस ब्रज किशोर सभागार में यह समारोह हो रहा है, उसी परिवार की एक सदस्य आज हाईकोर्ट की न्यायाधीश के रूप में सेवा दे रही हैं।