Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में सत्तापक्ष ने राज्य में चुनाव जल्दी और एक ही चरण में कराने की मांग रखी।
जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, "हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी। बिहार में एसआईआर पूरी हो चुकी है और राज्य देश को दिखाएगा कि एसआईआर कैसे होता है। हमने आग्रह किया है कि चुनाव एक ही चरण में कराए जाएं। बिहार की कानून-व्यवस्था स्थिति अच्छी है। अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव संभव हैं, तो बिहार में क्यों नहीं?"
बैठक के बाद जेडी(यू) बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा, “हमारी पार्टी ने सुझाव दिया है कि चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद आयोजित किए जाएं ताकि बाहर से आने वाले मतदाता भी आसानी से वोट डाल सकें। यही कारण है कि एक ही चरण में चुनाव करना बेहतर रहेगा।”
बीजेपी बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी कहा कि चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे मतदान के बाद अपने पोलिंग एजेंट फॉर्म 17सी समय पर जमा करें। उन्होंने बताया कि कुछ दलों के एजेंट समय से पहले चले जाते हैं, जिससे आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव 28 दिन की घोषणा अवधि पूरी होने के बाद तुरंत कराए जाने चाहिए।
चुनाव आयोग ने शनिवार को जारी एक संदेश में कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू, डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।
बिहार चुनाव की तारीखें जल्द हो सकती हैं
चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा किसी भी समय कर सकता है। यह समीक्षा अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद की गई है। इस वर्ष 30 सितंबर तक बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ रही।
चुनाव आयोग ने बताया कि मसौदा सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया और 1 अगस्त तक कुल 7.24 करोड़ मतदाता सूचीबद्ध थे। इसमें अपात्र मतदाताओं की संख्या 3.66 लाख और नए जोड़ने वाले पात्र मतदाता 21.53 लाख थे। एसआईआर प्रक्रिया संविधान और चुनाव आयोग के आदर्श वाक्य के अनुरूप की गई: “कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो।”
NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला
बिहार में इस बार का चुनाव मुख्य रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच होने की संभावना है।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में, वर्तमान में एनडीए के पास 131 सीटें हैं: भाजपा 80, जेडी(यू) 45, हम 4 और 2 निर्दलीय। महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं: आरजेडी 77, कांग्रेस 19, सीपीआई(एमएल) 11, सीपीआई(एम) 2 और सीपीआई 2।
बिहार की राजनीतिक हवा इस बार पहले से भी ज्यादा गर्म नजर आ रही है, और चुनावी तारीखों की घोषणा के साथ ही राजनैतिक गतिविधियों में और तेज़ी आएगी।
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