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(जी20 समिट खत्म)
देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो गया है। सुनहरी यादों के साथ विदेशी मेहमानों का लौटना शुरू हो गया है। इस शिखर सम्मेलन के लिए राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया । दिल्ली में पहली बार दुनिया के शक्तिशाली देशों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 समिट आयोजित की गई। सम्मेलन में तीन सत्र आयोजित किए गए। जिसमें शनिवार को दो सत्र हुए और आज आखिरी सत्र आयोजित किया गया। हालांकि आखिरी सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मौजूद नहीं थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति रविवार सुबह राजधानी में स्थित राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करके वियतनाम के लिए रवाना हो गए। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पत्नी अक्षिता के साथ दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर में गए और पूजा अर्चना की। वहीं शनिवार शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिनर का आयोजन किया। रविवार दोपहर करीब 2 बजे ग्रुप 20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया। समिट के पहले दिन ही सम्मेलन में घोषणापत्र जारी करने पर 100 फीसदी सहमति बन गई थी। वहीं शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने बतौर अध्यक्ष सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित किया। डिक्लेरेशन पास होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र मंजूर किया है।
समिट के आखिरी सेशन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया बदल रही है इसके साथ दुनिया के संस्थानों को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा- UNSC में अभी तक उतने ही सदस्य हैं जितने इसकी स्थापना के वक्त थे। स्थायी देशों की संख्या बढ़नी चाहिए। इसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि गरीब देशों की कर्ज की समस्या पर ध्यान देना होगा। दुनिया को भुखमरी खत्म करने की कोशिश बढ़ानी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नई वैश्विक संरचना’ में दुनिया की ‘नई हकीकत’ को प्रतिबिंबित करने का आह्वान किया और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की।
उन्होंने कहा, जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी और उसमें 51 देशों को शामिल किया गया था, तब दुनिया अलग थी। अब इस वैश्विक निकाय में सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है। यह प्रकृति का नियम है कि जो वक्त के साथ नहीं बदलते, वे अप्रासंगिक हो जाते हैं। विदेशी मेहमानों का जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ब्रिटेन रवाना हो गए हैं। इसके साथ ही कुछ देर बाद अधिकांश विदेशी नेता अपने-अपने वतन लौट रहे हैं।
नवंबर 2024 में ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरियो में आयोजित किया जाएगा जी21 सम्मेलन--
रविवार को अंतिम सत्र को पीएम मोदी ने संबोधित किया और फिर अंत में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को जी20 की अध्यक्षता सौंपी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की। अब अगले एक साल तक ब्राजील इस समूह का अध्यक्ष रहेगा।
साल 2024 में जी21 सम्मेलन ब्राजील में ही आयोजित किया जाएगा। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को अध्यक्षता सौंपी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने संस्कृत के एक श्लोक का संदर्भ देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं सौहार्द की प्रार्थना की। पीएम ने अध्यक्षता देते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा और शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ब्राजील के राष्ट्रपति और मेरे मित्र लूला डी सिल्वा को मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उन्हें जी20 की अध्यक्षता सौंपता हूं। लूला डी सिल्वा ने पीएम मोदी को बधाई दी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के भारत के प्रयासों के लिए आभार जताया।
अध्यक्षता मिलने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा- आज महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते वक्त मैं काफी भावुक हो गया था। सब जानते हैं कि मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का कितना महत्व है। ब्राजील इस साल एक दिसंबर से जी20 समूह (अब नया नाम जी21) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अफ्रीका यूनियन जी20 का स्थायी सदस्य बनाया है। जिसके बाद आप इसका नाम जी-21 हो गया है।
बता दें कि भारत ने पिछले साल बाली शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया से जी20 की अध्यक्षता ली थी। अगला जी21 शिखर सम्मेलन नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में होगा। जी20 समिट के दूसरे और आखिरी दिन रविवार सुबह जी20 विदेशी नेताओं ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। राजघाट पर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं का खादी के शॉल के साथ स्वागत किया। सभी नेताओं को राजघाट के बारे में जानकारी भी दी।