
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हर साल सावन महीने में आने वाला हरियाली तीज महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन उपवास रखकर अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की सुख-शांति की कामना करती हैं।
यह पर्व सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज का माहौल पूरे उत्तर भारत में खासतौर से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में देखने को मिलता है।
हरियाली तीज 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि वर्ष 2025 में 26 जुलाई की रात 10:41 बजे से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 10:41 बजे तक रहेगी। पंचांग गणना के अनुसार व्रत 26 जुलाई 2025 को ही रखा जाएगा।
हरियाली तीज 2025 पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
पूजन में निम्न सामग्री का प्रयोग किया जाता है:
भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा
पीला या लाल वस्त्र
धूप, दीप, अगरबत्ती
चंदन, रोली, अक्षत, पुष्प
बिल्व पत्र, धतूरा, शमी के पत्ते
गंगाजल, पंचामृत, घी
फल, मिठाई, सूखे मेवे
सोलह शृंगार का सामान (मेंहदी, चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, आलता आदि)
हरियाली तीज व्रत और पूजा विधि
सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें, खासकर लाल या हरे रंग के वस्त्र।
सोलह श्रृंगार करें और व्रत का संकल्प लें।
घर या पूजा स्थल पर वेदी बनाएं और उस पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
उन्हें जल से स्नान कराएं और वस्त्र, चंदन, फूल, रोली अर्पित करें।
माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
अंत में शिव-पार्वती की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।
नारी शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है हरियाली तीज
हरियाली तीज न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह पर्व नारी की आस्था, प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है। यह दिन सुहागिनों के लिए बेहद खास होता है, जहां वे देवी पार्वती से अपने सुहाग की रक्षा और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।