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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत ने स्टेल्थ फाइटर जेट की दुनिया में प्रवेश कर लिया है। अब हमें ऐसे लड़ाकू विमानों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। रक्षा मंत्रालय ने पांचवीं पीढ़ी के गहरे पैठ वाले उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के निष्पादन मॉडल को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। जहां पाकिस्तान चीन से स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीद रहा है, वहीं भारत ने अपना स्वयं का स्टील्थ विमान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। भारत अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए स्टेल्थ लड़ाकू विमानों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आइये जानें कि स्टील्थ लड़ाकू विमान क्या है और यह इतना खास क्यों है।

भारत अपनी वायु शक्ति बढ़ाने के लिए स्टेल्थ लड़ाकू विमानों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ये ऐसे विमान हैं जिनका हवाई क्षेत्र में पता लगाना कठिन होता है।

भारत अपनी वायु शक्ति बढ़ाने के लिए स्टेल्थ लड़ाकू विमानों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। ये ऐसे विमान हैं जिनका हवाई क्षेत्र में पता लगाना कठिन होता है।

ये विमान दुश्मन के घर में काफी अंदर तक घुसकर लक्ष्य पर वार कर सकते हैं, जिससे दुश्मन देश को तबाह करना आसान हो जाता है।

ये विमान दुश्मन के घर में काफी अंदर तक घुसकर लक्ष्य पर वार कर सकते हैं, जिससे दुश्मन देश को तबाह करना आसान हो जाता है।

भारत का रक्षा मंत्रालय इसी प्रकार का मध्यम वजन वाला लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए AMCA परियोजना पर काम कर रहा है।

भारत का रक्षा मंत्रालय इसी प्रकार का मध्यम वजन वाला लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए AMCA परियोजना पर काम कर रहा है।

स्टेल्थ लड़ाकू विमान विशेष युद्धक विमान होते हैं जो दुश्मन के रडार और इन्फ्रारेड सेंसर से आसानी से छिप सकते हैं।

स्टेल्थ लड़ाकू विमान विशेष युद्धक विमान होते हैं जो दुश्मन के रडार और इन्फ्रारेड सेंसर से आसानी से छिप सकते हैं।

उनका डिज़ाइन और सामग्री ऐसी है कि रडार तरंगें उन्हें आसानी से नहीं पहचान पातीं। एएमसीए की खासियत यह होगी कि यह पांचवीं पीढ़ी का पहला विमान होगा। यह राफेल और सुखोई से छोटा होगा लेकिन बहुत तेज होगा।

उनका डिज़ाइन और सामग्री ऐसी है कि रडार तरंगें उन्हें आसानी से नहीं पहचान पातीं। एएमसीए की खासियत यह होगी कि यह पांचवीं पीढ़ी का पहला विमान होगा। यह राफेल और सुखोई से छोटा होगा लेकिन बहुत तेज होगा।

इसकी रेंज 1000 किमी से अधिक होगी और इसकी गति मैक 1.8+ होगी। यह हवा से हवा, हवा से जमीन और अस्त्र तथा ब्रह्मोस-एनजी जैसी स्टील्थ मिसाइलों से हमला करने में सक्षम होगा।

इसकी रेंज 1000 किमी से अधिक होगी और इसकी गति मैक 1.8+ होगी। यह हवा से हवा, हवा से जमीन और अस्त्र तथा ब्रह्मोस-एनजी जैसी स्टील्थ मिसाइलों से हमला करने में सक्षम होगा।

इसका डिजाइन कम अवलोकनीय होगा, जिसे विशेष रूप से रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो इसे गुप्त रखने में सक्षम बनाता है।

इसका डिजाइन कम अवलोकनीय होगा, जिसे विशेष रूप से रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो इसे गुप्त रखने में सक्षम बनाता है।