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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन एक बड़ी चुनौती बना रहता है। इस बार, चमोली जिले में हुई बारिश के कारण मलारी हाईवे कई जगहों पर बंद हो गया था, जिससे सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए थे। लेकिन अब एक बड़ी खुशखबरी है – चमोली के मलारी हाईवे पर एक बार फिर यातायात शुरू हो गया है! यह खबर उन सभी के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जो बीते कई दिनों से रास्ते खुलने का इंतजार कर रहे थे।

करीब पांच दिन पहले, ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना के पास बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था। पहाड़ों से बड़ी-बड़ी चट्टानें और मलबा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया था, जिससे सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई थी। सड़क बंद होने से भारत-चीन सीमा पर तैनात सेना के जवानों, ITBP कर्मियों, स्थानीय ग्रामीणों और खासकर वहां मौजूद पर्यटकों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई थीं। उन्हें हर जरूरी चीज़ के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और वे जहां थे, वहीं फंसे हुए थे।

सूचना मिलते ही, राष्ट्रीय राजमार्ग के कर्मचारियों ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के साथ मिलकर युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया। दिन-रात मशीनें चलाई गईं, भारी मलबा हटाया गया और चट्टानों को काटकर रास्ता साफ किया गया। पांच दिनों की अथक मेहनत के बाद, टीम आखिरकार मार्ग को बहाल करने में कामयाब रही।

अब गाड़ियों की आवाजाही फिर से सामान्य हो गई है। यह सिर्फ एक सड़क का खुलना नहीं है, बल्कि यह दुर्गम परिस्थितियों में भी लोगों तक मदद पहुंचाने और जनजीवन को सामान्य बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह खबर सेना, स्थानीय निवासियों और पर्यटन के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर चारधाम यात्रा और पर्यटक मौसम को देखते हुए। यह दर्शाता है कि आपदाओं के बावजूद, उत्तराखंड में जीवन अपनी रफ़्तार पर वापस लौट रहा है।