
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार अब आपदाओं से लड़ने के लिए पहले से ज्यादा तैयार होगा। राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग ने बाढ़ प्रभावित जिलों में आधुनिक जिला आपदा रिस्पॉन्स फैसिलिटी-सह-प्रशिक्षण केंद्र बनाने की पहल शुरू की है, ताकि आपदा की स्थिति में तेजी से राहत पहुंचाई जा सके और स्थानीय लोगों को बेहतर प्रशिक्षण भी मिल सके।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के सात प्रमंडलीय जिलों—बेतिया, भागलपुर, गया, दरभंगा, पटना, पूर्णिया और सहरसा—में करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से "ए टाइप" फैसिलिटी सेंटर बन रहे हैं। इसके अलावा 11 अन्य जिलों में 82 करोड़ 37 लाख रुपये से अधिक की लागत से "बी टाइप" केंद्र बनाए जा रहे हैं। अब तक इनमें से 6 ए टाइप और 9 बी टाइप भवनों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने जानकारी दी कि बिहार के कई जिले हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं। ऐसे में इन केंद्रों की मदद से न सिर्फ राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी बल्कि आपदा प्रबंधन को लेकर आम लोगों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
इन तीन मंजिला इमारतों में कुल 25,774 वर्गमीटर क्षेत्रफल तैयार किया गया है, जिनकी छतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं ताकि ऊर्जा की जरूरत पूरी की जा सके। यहां एसडीआरएफ के अधिकारियों और कर्मियों के ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है ताकि आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
इसके अलावा 10 जिलों—अररिया, पूर्वी चंपारण, शिवहर, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, कटिहार, मधुबनी, किशनगंज, सीतामढ़ी और दरभंगा—में बाढ़ आश्रय स्थल भी बनाए जा रहे हैं। इनमें से 96 स्थानों पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हर स्थल पर लगभग एक करोड़ रुपये की लागत आई है। शेष 4 स्थानों (शिवहर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी) पर कार्य अंतिम चरण में है।
यह पूरी योजना न केवल आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि लोगों में जागरूकता और तैयारियों को भी नया आयाम देगी।