
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने में बिहार का अरवल जिला पिछले एक साल से पूरे राज्य में सबसे आगे रहा है। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिहाज से।
आयुष्मान भारत योजना का मुख्य लक्ष्य पात्र परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान करना है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने से लेकर दवाइयों तक का खर्च शामिल होता है। इस योजना का लाभ देशभर के 1675 सूचीबद्ध अस्पतालों में उठाया जा सकता है।
अरवल जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) मंसूर हसन ने जानकारी देते हुए बताया कि अरवल में कुल 2 लाख 22 हजार परिवार आयुष्मान योजना के दायरे में आते हैं। इसमें से अब तक लगभग 1 लाख 48 हजार लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जो लक्ष्य का 46.86 प्रतिशत है। यह संख्या बताती है कि जिले में कार्ड बनाने की गति बेहद प्रभावशाली रही है।
पहले जहाँ प्रतिदिन औसतन 30 से 40 आयुष्मान कार्ड ही बन पाते थे, वहीं अब "आयुष्मान आपके द्वार" अभियान और कॉमन सर्विस सेंटरों (जन सेवा केंद्र) की सक्रियता के कारण यह आंकड़ा प्रतिदिन 200 कार्ड तक पहुंच गया है। इन अभियानों के तहत लोगों को उनके घर के पास ही कार्ड बनवाने की सुविधा मिल रही है, जिससे बड़ी संख्या में ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों के लोग भी इस योजना से जुड़ पा रहे हैं।
यह कार्ड मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के आंकड़ों में सूचीबद्ध परिवारों को जारी किए जाते हैं, जिन्हें गरीब और जरूरतमंद माना गया है। अरवल जिले में चलाए गए स्वास्थ्य शिविर और लगातार निगरानी से ही यह संभव हो पाया है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को इस जीवनरक्षक योजना से जोड़ा जा सका है, जिससे उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।