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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत 7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण के साथ हो चुकी है, लेकिन पहला श्राद्ध 8 सितंबर 2025, सोमवार को है। जानिए प्रतिपदा श्राद्ध से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

पितृ पक्ष की शुरुआत रविवार, 7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण के साथ हो गई है। पितृ पक्ष के पहले दिन अगस्त्य ऋषि को तर्पण किया जाता है। लेकिन श्राद्ध सोमवार, 8 सितंबर 2025 से शुरू हो रहे हैं। पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध, प्रतिपदा श्राद्ध, सोमवार, 8 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान के साथ श्राद्ध कर्म करते हैं।

पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध, एकम श्राद्ध, सोमवार, 8 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने पितरों के लिए श्राद्ध कर्म के साथ तर्पण और पिंडदान करते हैं। इसके बाद रोहिणी मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक रहेगा। इस प्रकार, प्रतिपदा श्राद्ध के लिए शुरुआती 50 मिनट का समय शुभ रहेगा। कोशिश करें कि दिन ढलने से पहले ही पितरों का श्राद्ध कर दें।

सोमवार को प्रथम श्राद्ध में पितरों को पिंडदान करने से पहले गंगाजल से स्नान करें। इसके बाद पूर्वज का नाम, गोत्र और तिथि बताएँ। इसके बाद चावल के गोले बनाएँ (जिसमें घी, तिल या जौ मिला हो)। इसके बाद काला जल, तिल और जौ मिलाकर मंत्रों के साथ पितरों को समर्पित करें। अंत में ब्राह्मणों को भोजन या वस्त्र दान करें।

पितृ पक्ष में नहीं करने चाहिए ये 5 काम
• पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में सात्विक वातावरण रहना चाहिए। इस दौरान घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनाना चाहिए। हो सके तो इन दिनों लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
• पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को 15 दिनों तक अपने बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए। इसके साथ ही इन लोगों को ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए।
• मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज पक्षियों के रूप में धरती पर आते हैं। इसलिए उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ पक्ष नाराज हो जाते हैं, इसकी जगह पितृ पक्ष में पशु-पक्षियों की सेवा करनी चाहिए। • पितृ पक्ष के दौरान
न केवल मांसाहारी बल्कि कुछ शाकाहारी चीजें खाना भी वर्जित माना गया है
पितृ पक्ष के दौरान विवाह, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। पितृ पक्ष के दौरान शोक का माहौल रहता है, इसलिए इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है।