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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हिंदू धर्म में कई व्रत और त्योहार हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए विभिन्न व्रत रखती हैं। हरितालिका तीज, कजरी तीज और हरियाली तीज के साथ-साथ सौभाग्य सुंदरी तीज भी मनाई जाती है।

तीज व्रत की सभी कथाएँ देवी पार्वती और भगवान शिव से जुड़ी हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और इससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तभी से, विवाहित महिलाएँ मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत रखती हैं।

सौभाग्य सुंदरी व्रत दाम्पत्य जीवन में प्रेम, सद्भाव और सद्भावना सुनिश्चित करता है। इस वर्ष सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत शनिवार, 8 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। जानिए इसकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

सौभाग्य सुंदरी तीज 2025 तिथि और मुहूर्त 
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत हर साल मार्गशीर्ष या अगहन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 8 नवंबर 2025 को पड़ रही है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 7 नवंबर 2025 को सुबह 11:05 बजे शुरू होगी और 8 नवंबर 2025 को सुबह 7:32 बजे तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार, सौभाग्य सुंदरी व्रत और पूजा 8 नवंबर को की जाएगी।

सौभाग्य सुंदरी तीज 2025 पूजा विधि: 
सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत करने वाली महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ़ कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन केवल लाल, हरा, पीला और गुलाबी रंग के कपड़े ही पहनने चाहिए। काले, सफ़ेद या स्लेटी रंगों से परहेज़ करें।

पूजा स्थल को साफ़ करें। ईशान कोण में एक पाट बनाएँ और उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ। पाट पर देवी गौरी और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और पूजा करें।
देवी पार्वती को कुमकुम चढ़ाएँ और वर पक्ष को फूल, फल व अन्य वस्तुएँ अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें और धूप-दीप जलाएँ।

इसके बाद महिलाओं को सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। अंत में आरती करनी चाहिए। शिव-पार्वती की कृपा से इस व्रत को करने से दाम्पत्य जीवन में प्रेम बना रहता है।