
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के सामरिक महत्व और पहाड़ी जिलों की कनेक्टिविटी बढ़ाने वाली महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। रेलवे विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने परियोजना की सुरंगों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की है। वर्तमान में टिहरी जिले में गुलर से व्यासी के बीच बन रही 39वीं सुरंग (मुख्य व निकास) जून महीने में आर-पार हो जाएगी।
अब तक इस परियोजना के तहत कुल 46 सुरंगों का निर्माण होना है, जिनमें से 38 सुरंगें पहले ही सफलतापूर्वक आर-पार हो चुकी हैं। RVNL के उप महाप्रबंधक (सिविल) ओपी मालगुड़ी ने बताया कि परियोजना के तहत अब तक कुल 213 किलोमीटर सुरंगों की खोदाई होनी थी, जिसमें से 197 किलोमीटर यानी लगभग 92 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
सबसे लंबी सुरंग अप्रैल में हुई पूरी
परियोजना की सबसे लंबी सुरंग सौड़ से जनासू के बीच स्थित है, जो 14.57 किलोमीटर लंबी है। यह सुरंग अप्रैल 2026 तक आर-पार करने के लक्ष्य से पहले, अप्रैल 2024 में ही पूरी हो चुकी है, जिससे परियोजना की गति और प्रतिबद्धता साफ दिखाई देती है।
स्टेशन निर्माण की तैयारी तेज, जुलाई में शिवपुरी-व्यासी स्टेशन पर शुरू होगा काम
RVNL अब सुरंग निर्माण के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों के निर्माण में भी तेजी ला रहा है। वीरभद्र और योग नगरी रेलवे स्टेशनों का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। अब शिवपुरी और व्यासी स्टेशनों के निर्माण कार्य के लिए जून महीने में वर्क ऑर्डर जारी होगा और जुलाई से निर्माण कार्य आरंभ होने की संभावना है।
कर्णप्रयाग स्टेशन परियोजना का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन होगा, जिसमें 26 रेलवे लाइन बिछाई जानी हैं। रेल लाइन बिछाने की प्रक्रिया भी RVNL द्वारा शुरू की जा रही है, जिससे इस बहुआयामी परियोजना के अंतिम चरण की तैयारियां स्पष्ट हो रही हैं।
परियोजना का लक्ष्य
इस पूरी परियोजना का लक्ष्य उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिक, सामाजिक, और सामरिक कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना है, जिससे स्थानीय आबादी के साथ-साथ पर्यटकों को भी आवागमन में सुविधा मिलेगी। परियोजना की समयबद्ध और सफल पूर्णता उत्तराखंड के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।