कोरोना प्रोटोकाल के साथ मनाएं दिवाली, बेहतर सेहत के लिए पटाखों से रहें दूर: डॉ. सूर्यकान्त

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कुशीनगर। बेहतर स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना के लिए मनाये जाने वाले त्योहार धनतेरस, दीपावली, भाई दूज व छठ पूजा की खुशियाँ बरक़रार रखने के लिए जरूरी है कि अब भी हर कोई हर कदम पर कोरोना को लेकर पूरी सावधानी बरते। कोविड टीकाकरण नहीं कराएं हैं तो खुद के साथ घर-परिवार को सुरक्षित बनाने के लिए जल्द से जल्द टीका अवश्य लगवा लें पहली डोज लग चुकी है और दूसरी डोज का समय आ गया है तो उसे नजरंदाज न करके समय से लगवा लें क्योंकि कोरोना से बचने के लिए दोनों डोज का लगना बहुत जरूरी है। यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. सूर्य कान्त का।

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डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि धनतेरस और दीपावली के साथ ही छठ पूजा की खरीददारी के लिए बाजार में अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। ऐसे में हर किसी को यह याद रखना है कि अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है, इसलिए इन प्रमुख त्योहारों की खुशियाँ हमेशा हमेशा के लिए बरक़रार रखने के लिए उन जरूरी बातों का जरूर ख्याल रखें जो कोरोना से सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक हैं। बाजार में खरीददारी के वक्त मास्क से मुंह व नाक अच्छी तरह से ढककर रखना है, एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखना है, दुकान में प्रवेश करते वक्त और निकलते वक्त हाथों को अच्छी तरह सेनेटाइजर करना भी न भूलें ।

बाजार से लौटने पर जूते-चप्पल बाहर ही उतार दें, बाजार से लाये गए सामान थोड़ी देर के लिए खुले में रख दें और अच्छी तरह से साबुन-पानी से हाथ धुलने के बाद ही घर के किसी सामान को हाथ लगाएं । दुकानदार (विक्रेता) भी इस बात का पूरा ख्याल रखें कि वह दुकान-शो रूम पर पूरे समय मास्क लगाकर रखें और बीच-बीच में हाथों की स्वच्छता का भी ख्याल रखें क्योंकि वह दिनभर में न जाने कितने लोगों के संपर्क में आते हैं । इसलिए खुद के साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए इसे अपनाना बहुत जरूरी है। डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि पटाखों की चंद सेकेण्ड की रोशनी और धमक पूरे जीवन को स्याह बना सकती है, इसलिए दीपावली पर घर-परिवार को पटाखों से दूर रखकर कोरोना से खुद को सुरक्षित बनाने के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित बनाने का नेक काम किया जा सकता है । पटाखों से पूरी तरह से तौबा करने में ही सच्ची समझदारी है क्योंकि हम सभी को पता चल गया है कि कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़ों पर ही असर डालता है।

पटाखों का शोर और उसका धुआं हमारी साँसों और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है । इसलिए खुद के साथ, घर-परिवार और समुदाय को सुरक्षित बनाने के लिए इस बार पटाखों से दूर रहें । पटाखों का धुआं व शोर किसी बीमार की स्थिति को गंभीर बना सकता है, इसलिए उनका भी ख्याल रखना हम सभी की जिम्मेदारी है । इसलिए कोरोना व अन्य संक्रामक बीमारियों को देखते हुए वैसे भी इस बार पटाखों से तौबा करने में ही हर किसी की भलाई है और यदि पटाखे जलाना ही है तो ग्रीन पटाखों का चयन करें । यह जरूर ध्यान रखें कि सेनेटाइजर लगे हाथों से कतई पटाखों को न छुएं क्योंकि सेनेटाइजर का अल्कोहल व अन्य केमिकल पटाखों के बारूद के संपर्क में आते ही उत्साह के रंग में भंग डाल सकता है ।

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