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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जहाँ रिश्ते, ज़िम्मेदारियाँ और प्राथमिकताएँ लगातार बदल रही हैं, वहीं परिवार नियोजन और अनचाहे गर्भ को लेकर जागरूकता महिलाओं के लिए पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है। ऐसे में बाज़ार में उपलब्ध आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियाँ महिलाओं को अस्थायी राहत ज़रूर देती हैं, लेकिन इनके बार-बार इस्तेमाल के गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। आज इस लेख में हम यही जानेंगे कि क्या यह उपाय हर बार सुरक्षित है?

डॉ. रीता बेदी का कहना है कि अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए गोलियों का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब कोई और विकल्प न बचा हो, क्योंकि इनके लगातार इस्तेमाल से शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

गोलियाँ कैसे काम करती हैं?

आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियाँ हार्मोन-आधारित दवाइयाँ हैं जिनमें प्रोजेस्टेरोन या एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन होते हैं। ये ओव्यूलेशन को रोककर, निषेचन को रोककर, या गर्भाशय की परत को प्रभावित करके काम करती हैं ताकि शिशु आपके गर्भाशय में प्रत्यारोपित न हो सके।

गोलियाँ कितनी बार ली जा सकती हैं?

  • इन गोलियों का प्रयोग केवल आपातकालीन स्थितियों में ही किया जाना चाहिए, नियमित गर्भनिरोधक के लिए नहीं...
  • इन्हें महीने में एक या दो बार से अधिक न लें।
  • इसके लगातार सेवन से हार्मोनल असंतुलन, अनियमित मासिक धर्म, सिरदर्द, थकान और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • लम्बे समय तक बार-बार गोलियां लेने से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

शरीर पर प्रभाव

  • इन गोलियों का असर कुछ ही घंटों में शरीर पर दिखने लगता है। कुछ महिलाओं को हल्का रक्तस्राव, मतली, उल्टी, पेट दर्द और स्तनों में कोमलता जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
  • हार्मोनल व्यवधान
  • अनियमित मासिक धर्म चक्र
  • वजन बढ़ना या घटना
  • मिजाज

आपातकालीन गोलियाँ ज़रूरत की चीज़ हो सकती हैं, लेकिन इनका बार-बार इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है। इनका इस्तेमाल पूरी जानकारी और डॉक्टर की सलाह से ही करें, ताकि आपका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और भविष्य में कोई पछतावा न हो।