नयी दिल्ली. भारत के उत्तर, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में अगले चार दिनों के दौरान वर्षा ( Rain) और हल्की वर्षा होने का अनुमान है. उत्तराखंड में भारी या बहुत भारी वर्षा (heavy rain) हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान (IMD forecast) में बुधवार को यह जानकारी दी. विभाग ने कहा कि इसी अवधि के दौरान, देश के पूर्वी हिस्से में बारिश की गतिविधि में वृद्धि होने का अनुमान है. विभाग के अनुसार पूरा ‘मॉनसून ट्रफ’ हिमालय की तलहटी के करीब है. इसके 26 अगस्त तक वहीं रहने की संभावना है.
विभाग ने कहा, ‘‘अगले चार दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य भारत और पश्चिमी तट पर हल्की बारिश की गतिविधि जारी रहने का अनुमान है.’’ बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पूर्व भारत की ओर तेज दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम हवाएं 26 अगस्त तक जारी रहने का अनुमान है. पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 27 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक वर्षा गतिविधि जारी रहने का अनुमान है. मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी भारत में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है.
उत्तराखंड में 29 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा के साथ व्यापक वर्षा गतिविधि जारी रहने का अनुमान है और 27 अगस्त तक बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि बुधवार से लेकर अगले कुछ दिनों तक कुछ राज्यों में लगातार बारिश होगी. इसे लेकर आईएमडी ने अलर्ट जारी किया है. इस दौरान कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश होगी. वहीं नॉर्थ ईस्ट भारत, मध्य भारत और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में अगले 4 से 5 दिनों तक तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है.
इसके साथ ही उत्तर पूर्वी भारत, बंगाल के सब हिमालयी क्षेत्र, असम और सिक्किम में 27 अगस्त तक बारिश होगी. वहीं यूपी, बिहार और उत्तराखंड में 27 अगस्त तक झमाझम बारिश होने की बात कही गई है. इसके अलावा तमिलनाडु, केरल और माहे में 26 और 27 अगस्त को बारिश होने का अनुमान है. वहीं राजस्थान को छोड़कर अन्य मध्य भारतीय क्षेत्र में 27 अगस्त तक बारिश होने का अनुमान है. गुजरात और महाराष्ट्र में भी 27 अगस्त तक बारिश होगी. वहीं निजी संस्था स्काईमेट वेदर का कहना है कि मौसम प्रणाली सप्ताहांत के आसपास मानसून गतिविधि को पुनर्जीवित करेगी और मानसूनी बारिश को देश के पूर्वी, मध्य और उत्तरी भागों तक ले जाएगी. यह मौसमी सिस्टम मानसून के पूर्वी छोर को दक्षिण की ओर खींचेगी और उसके बाद ‘ब्रेक मानसून’ की स्थिति को समाप्त कर देगी. यह चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र संगठित हो जाएगा और 30 अगस्त तक निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है.