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Prabhat Vaibhav, Digital Desk: गर्मी के मौसम और आम का रिश्ता बचपन और छुट्टियों जैसा ही है। हर घर में आम आते ही बच्चों और बड़ों की आंखें चमक उठती हैं। किसी को आम की चटनी की तलब होती है, तो किसी को रसीले आमों की। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस आम को आप इतने मजे से खा रहे हैं, कहीं वही आपकी सेहत का दुश्मन तो नहीं बन रहा है? इन दिनों बाजार में मिलने वाले आमों की खूबसूरती और जल्दी पकने का राज सिर्फ पेड़ नहीं, बल्कि कार्बाइड नाम का खतरनाक रसायन है।

कैल्शियम कार्बाइड क्या है?

कैल्शियम कार्बाइड एक ऐसा रसायन है जिसका इस्तेमाल फलों को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है। यह न केवल फलों के प्राकृतिक स्वाद को बदलता है, बल्कि इसके पोषण मूल्य को भी प्रभावित करता है। इससे पके हुए आम देखने में तो बहुत आकर्षक लगते हैं, लेकिन अंदर से वे जहरीले हो सकते हैं।

इसके संभावित स्वास्थ्य जोखिम

इसके कारण पके आम खाने से एसिडिटी, पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कार्बाइड से निकलने वाली गैस को अंदर लेने से सांस लेने में कठिनाई और एलर्जी हो सकती है।

लंबे समय तक इसका सेवन करने से तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ सकता है।

यह अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

कार्बाइड से पके आम की पहचान कैसे करें?

आम बहुत पीला और चमकदार होगा, लेकिन उसमें से गंध नहीं आएगी।

आम छूने पर बहुत मुलायम लगेगा, लेकिन स्वाद बनावटी लगेगा।

प्राकृतिक आम की सुगंध और रंग हल्का होगा।

इस तरह सुरक्षित तरीके से खाएं आम      

घर पर पकाना: कच्चे आमों को अख़बार में लपेटकर 3 दिन तक रखें। वे धीरे-धीरे प्राकृतिक रूप से पकेंगे।

ठंडे पानी में भिगोएँ: बाजार से लाए गए आमों को खाने से पहले कम से कम 1 घंटे के लिए पानी में भिगोएँ। इससे केमिकल का असर कुछ हद तक कम हो सकता है।

आम खाइए लेकिन आँख मूंदकर नहीं। स्वाद की चाहत में ज़हर मत खाइए। अगली बार जब आप बाज़ार जाएँ तो आम की मिठास के साथ-साथ उसकी प्रामाणिकता भी ज़रूर जाँच लें, ताकि ये गर्मी आपकी सेहत के लिए कड़वा अनुभव न होकर एक मीठी याद बन जाए।