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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पित्ताशय की पथरी छोटे कण होते हैं जो पित्ताशय में बनते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल और पित्त से बने होते हैं। जब ये पित्त नली को अवरुद्ध करते हैं, तो पेट में तेज़ दर्द होता है।

शुरुआत में पथरी के कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जैसे-जैसे पथरी बढ़ती है, तैलीय खाद्य पदार्थ खाने से दर्द और उल्टी हो सकती है।

यह समस्या विशेष रूप से 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और मोटे व्यक्तियों में आम है। कभी-कभी यह समस्या गंभीर हो जाती है, जिसे एक्यूट कोलेसिस्टिटिस कहा जाता है।

इस स्थिति में पित्ताशय पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है और रोगी को बुखार, ठंड लगना और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है। अगर दर्द हल्का है, तो दवा और खानपान में बदलाव से राहत मिल सकती है।

पित्ताशय की पथरी से बचने के लिए तले हुए खाद्य पदार्थों का कम सेवन करें। प्रतिदिन हल्का व्यायाम करें। शरीर में पित्त के संतुलन के लिए पर्याप्त पानी पीना भी ज़रूरी है। साल में एक बार पेट का अल्ट्रासाउंड करवाना पित्ताशय की पथरी की समस्या का जल्द पता लगाने और इलाज को आसान बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।