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Prabhat Vaibhav,Digital Desk :  उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने खेल विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। कोर्ट ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन में करोड़ों रुपये की अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य के खेल सचिव को आदेश दिया है कि देहरादून और हल्द्वानी स्थित स्टेडियमों को 24 घंटे के भीतर खिलाड़ियों के लिए खोल दिया जाए। यह निर्णय ना सिर्फ खिलाड़ियों के भविष्य की सुरक्षा करता है, बल्कि यह खेल जगत में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

खिलाड़ियों की तकलीफ और कोर्ट की संवेदनशीलता

याचिका में बताया गया कि संसाधनों की कमी और स्टेडियम बंद होने के कारण खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए निजी सुविधाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्पष्ट कहा कि जब सरकारी संसाधन उपलब्ध हैं, तो उन्हें बंद रखना खिलाड़‍ियों के साथ अन्याय है। कोर्ट का यह निर्देश खिलाड़ियों के पक्ष में एक बड़ी राहत है।

स्टेडियम के खुलने का समय और सुरक्षा निर्देश

कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि देहरादून और हल्द्वानी के स्टेडियम प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुले रहेंगे। इससे खिलाड़ी नियमित अभ्यास कर सकेंगे और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। साथ ही कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि मैदान में हर खेल के लिए एक प्रशिक्षित कोच मौजूद रहे।

छोटे बच्चों के लिए खेल विकास का सुझाव

कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिए कि वह सिर्फ मैदानी इलाकों में नहीं बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी छोटे बच्चों के लिए स्टेडियमों की व्यवस्था करे। यह सुझाव बताता है कि न्यायपालिका राज्य के संपूर्ण खेल विकास के प्रति कितनी गंभीर है।

भ्रष्टाचार के आरोप और जांच की आवश्यकता

याचिकाकर्ता संजय रावत द्वारा आरोप लगाया गया कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने करीब 12 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया है। खिलाड़ियों को पर्याप्त पोषण नहीं दिया गया और 35 लाख रुपये केवल केलों पर खर्च कर दिए गए। इन आरोपों ने खेल संघ की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे व्यापक जांच की मांग उठी है।

भविष्य की कार्यवाही

खेल सचिव अमित सिन्हा ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि शनिवार तक दोनों स्टेडियम खोल दिए जाएंगे। कोर्ट ने जुलाई के पहले सप्ताह में अगली सुनवाई नियत की है, जिसमें आगे की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा।