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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बुधवार देर रात कुख्यात अपराधी प्रवीण वाल्मीकि गैंग के दो गुर्गों को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम मनीष बॉलर और पंकज अष्टवाल बताए जा रहे हैं। दोनों हरिद्वार जिले के गंगनहर थाना क्षेत्र के ग्राम सुनेहरा के निवासी हैं।

कैसे हुई कार्रवाई

एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से STF को लगातार गुप्त सूचनाएं और शिकायतें मिल रही थीं कि प्रवीण वाल्मीकि, जो पहले सुनील राठी गैंग का हिस्सा रह चुका है, जेल में रहते हुए भी अपने गुर्गों के जरिए हरिद्वार में अवैध कामकाज करा रहा है। इनमें पार्किंग ठेके पर दबदबा बनाने से लेकर लोगों को धमकाकर उनकी ज़मीनें हड़पना शामिल था।

सूचना पुख्ता होने पर एएसपी स्वपन किशोर सिंह और डीएसपी आरबी चमोला के नेतृत्व में टीम बनाई गई। जांच में आरोप सही पाए गए और थाना गंगनहर में प्रवीण वाल्मीकि समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।

संपत्ति पर कब्जे की कहानी

मामला सिर्फ गुंडागर्दी तक सीमित नहीं था, बल्कि करोड़ों की संपत्ति पर कब्जे से भी जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम सुनेहरा के रहने वाले श्याम बिहारी की 2014 में मौत हो गई थी। उनकी कीमती जमीन की देखभाल उनके भाई कृष्ण गोपाल कर रहे थे।

लेकिन 2018 में इस संपत्ति को कब्जाने की नीयत से प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने कृष्ण गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद संपत्ति की जिम्मेदारी श्याम बिहारी की पत्नी रेखा ने संभाली।

रेखा पर भी गैंग ने दबाव बनाया। जब उसने जमीन अपने नाम से देने से इनकार किया तो 2019 में उसके भाई सुभाष पर हमला करवाया गया। डर के माहौल में रेखा का परिवार रुड़की छोड़कर कहीं और छिपकर रहने लगा।

इसी बीच प्रवीण वाल्मीकि और उसके गुर्गों ने फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर रेखा और स्नेहलता (कृष्ण गोपाल की पत्नी) के नाम से संपत्ति बेच डाली। इसमें मनीष बॉलर और पंकज अष्टवाल की बड़ी भूमिका थी।

पुलिस की सख्त कार्रवाई

पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी के बाद गैंग की संपत्ति कब्जाने और डर का नेटवर्क काफी हद तक कमजोर होगा। एसटीएफ अब गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।