Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हाई कोर्ट ने उधमसिंह नगर जिले के किच्छा में नगरपालिका चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की विस्तार से समीक्षा की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एसडीएम से पूछा कि किच्छा नगरपालिका से सिरौलीकलां के चार वार्ड को क्यों अलग किया गया, जबकि पहले इन्हें नगरपालिका में शामिल किया गया था। अब वही चार वार्ड वापस जोड़कर नई नगरपालिका बनाई जा रही है।
कोर्ट ने आगे कहा कि प्रस्तावित नगरपालिका की जनसंख्या, भू-क्षेत्र और सर्वे रिपोर्ट गुरुवार तक कोर्ट में पेश की जाए। सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी।
सिरौलीकलां ग्राम निवासी मोहम्मद यासीन और अन्य याचिकाकर्ताओं ने बताया कि किच्छा नगरपालिका का विस्तार वर्ष 2018 में हुआ था। उस समय सिरौलीकलां, बंडिया, देवरिया और आजादनगर को भी नगरपालिका में शामिल किया गया। 2018 में नगर पालिका के चुनाव हुए और सिरौलीकलां के तीन वार्ड—18, 19 और 20—साथ ही कुछ क्षेत्र वार्ड 17 को भी किच्छा पालिका में शामिल किया गया था।
लेकिन अचानक इन्हें अलग कर दिया गया। कोर्ट के निर्देश पर यह क्षेत्र फिर से किच्छा पालिका में शामिल कर लिया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सिरौलीकलां क्षेत्र वर्षों से किच्छा नगरपालिका का हिस्सा रहा है।
नगर पालिका की ओर से इस क्षेत्र में अब तक लगभग 5 करोड़ रुपये के विकास कार्य हो चुके हैं। वर्तमान में सिरौलीकलां को किच्छा पालिका से अलग करने के प्रयास का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। ग्रामीण चाहते हैं कि सिरौलीकलां हमेशा किच्छा नगरपालिका का हिस्सा बना रहे।
याचिका में निवेदकों ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि नगरपालिका चुनाव करवाने के दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, ताकि इस क्षेत्र में आवश्यक विकास कार्य बाधित न हों।




