Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है, जो बीमारियों से बचाव के सबसे आसान तरीके - हाथ धोने के महत्व पर प्रकाश डालता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी डायरिया, फ्लू और कोविड-19 जैसी बीमारियों से बचाव के लिए नियमित रूप से हाथ धोने की सलाह देता है। हालाँकि, इस अच्छी आदत का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल शरीर को नुकसान भी पहुँचा सकता है। बार-बार साबुन का इस्तेमाल या हाथ धोने से त्वचा के प्राकृतिक तेल और सुरक्षात्मक बैक्टीरिया खत्म हो सकते हैं, जिससे त्वचा रूखी, लाल और फटी हुई हो सकती है। त्वचा में ये दरारें बाहरी कीटाणुओं को आसानी से शरीर में प्रवेश करने देती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, हाथ धोना ज़रूरी है, लेकिन इसे ज़रूरत के अनुसार और सही तरीके से किया जाना चाहिए।
हाथ धोने के महत्व और इसके नकारात्मक प्रभावों का विश्लेषण
हाथ धोना: बीमारियों से बचाव का पहला उपाय
हाथ धोना एक ज़रूरी स्वास्थ्य आदत है। हमारे हाथ रोज़ाना लाखों चीज़ों को छूते हैं, जिनमें मोबाइल फ़ोन, पैसे, दरवाज़े या खाने-पीने की चीज़ें शामिल हैं, जिससे लाखों कीटाणु (बैक्टीरिया) हमारी त्वचा पर पहुँच जाते हैं। अगर ये कीटाणु बिना हाथ धोए शरीर के संपर्क में आ जाएँ, तो बीमारियाँ फैला सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित और सही तरीके से हाथ धोने से सर्दी-ज़ुकाम, फ्लू, डायरिया, सांस लेने में तकलीफ़ और त्वचा संक्रमण जैसी कई बीमारियों से बचाव होता है। इसी जागरूकता को फैलाने के लिए हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है।
क्या अत्यधिक हाथ धोने से कोई व्यक्ति बीमार हो सकता है ?
विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बार-बार और ज़्यादा हाथ धोने से व्यक्ति बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो सकता है। हमारी त्वचा में प्राकृतिक तेलों और लाभकारी बैक्टीरिया की एक परत होती है, जो एक सुरक्षात्मक परत का काम करती है। यह परत बाहरी कीटाणुओं से लड़ने और त्वचा को नमीयुक्त बनाए रखने में मदद करती है।
जब हम बार-बार साबुन या हैंड वॉश का इस्तेमाल करते हैं, तो यह प्राकृतिक सुरक्षा परत धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। नतीजतन, त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। बार-बार हाथ धोने से त्वचा में लालिमा, खुजली और फटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बार-बार हाथ धोने से होने वाली मुख्य समस्याएं
- त्वचा का सूखापन और प्राकृतिक तेलों का नुकसान: अत्यधिक सफाई से त्वचा के प्राकृतिक तेल निकल जाते हैं, जिससे त्वचा बहुत शुष्क, बेजान और झुर्रियों वाली हो जाती है।
- त्वचा में सूजन और खुजली: साबुन में मौजूद रसायन और बार-बार घर्षण से त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है, जिससे जलन, खुजली और कभी-कभी छाले भी हो सकते हैं।
- संपर्क जिल्द की सूजन: अत्यधिक हाथ धोने से 'संपर्क जिल्द की सूजन' नामक त्वचा की स्थिति हो सकती है, जो त्वचा में लालिमा, खुजली और जलन का मुख्य कारण है।
- एक्जिमा में वृद्धि: जिन लोगों को पहले से ही एक्जिमा है, उनके लिए बार-बार हाथ धोने से स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है, जिससे हाथों में लगातार जलन हो सकती है।
- संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाना: यह सबसे ज़रूरी बात है। जब त्वचा फटती या फटती है, तो हानिकारक बाहरी बैक्टीरिया और वायरस के शरीर में प्रवेश करने का यह एक आसान रास्ता बन जाता है, जिससे संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है।
हाथ धोने का उचित समय और तरीका
हाथ धोना ज़रूरी है, लेकिन इसे ज़रूरत के अनुसार और सही तरीके से किया जाना चाहिए। निम्नलिखित समयों पर हाथ धोना ज़्यादा प्रभावी होता है:
- शौचालय का उपयोग करने के बाद.
- खाना खाने या तैयार करने से पहले।
- बाहर से घर आने के बाद.
- किसी बीमार व्यक्ति को छूने के बाद।
- छींकने या खांसने के बाद।
सही तरीका यह है कि साबुन और बहते पानी का इस्तेमाल कम से कम 20 सेकंड तक करें। अपनी उंगलियों के बीच, नाखूनों के नीचे और हाथों के पिछले हिस्से पर ज़रूर रगड़ें। ऐसा करने से आप बीमारियों से भी बच सकते हैं और त्वचा को होने वाले नुकसान से भी बचा सकते हैं।




