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CM योगी बोले-समर्थन मूल्य बढ़ाने का प्रयास जारी ,गन्ना किसानों को खुश करने की कोशिश.

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नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में गन्ना खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की कोशिश करेगी. दरअसल गन्ना खरीद पर एमएसपी का मुद्दा बीते तीन साल से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जोरों पर है. माना जा रहा है कि सरकार ने यह घोषणा किसानों को लुभाने के लिए की है.

किसानों के एक समूह से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है-हमारी सरकार ने साल 2010 तक गन्ना खरीद के बकाए का भुगतान किया है. इस सीजन के भी 82 फीसदी बकाए क्लियर कर दिए गए हैं. अगले सीजन के पहले सभी बकाया क्लियर कर दिया जाएगा. लेकिन हम लोग ये भी कोशिश कर रहे हैं कि गन्ना खरीद के दाम में बढ़ोतरी भी की जाए. पहले हमें सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करने दीजिए. हमारे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है और न ही किसी के भ्रम में आने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपके साथ खड़े हैं और यूपी में आपकी सरकार आपके साथ खड़ी है. हम एक दृढ़ निर्णय लेंगे और आपके हित में काम करेंगे.

बीते तीन सालों से गन्ना समर्थन मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है
दरअसल उत्तर प्रदेश में बीते तीन सालों से गन्ना समर्थन मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है. आखिरी बार 2017 में प्रति क्विंटल पर 10 रुपए की वृद्धि की गई थी. तब से गन्ना समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल के हिसाब से 315 रुपए बना हुआ है. पश्चिम यूपी के किसान समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग करते रहे हैं. साथ ही ये एक चुनावी राज्य में बड़ा चुनावी वादा भी है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली यूपी बॉर्डर पर किसान नेता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल ही में पंजाब में भी ऐसी ही मांग हुई थी. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है.

क्या बोले सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा है-हमारी सरकार ने तय किया है कि पश्चिम यूपी में चीनी मिल 20 अक्टूबर से शुरू कर दी जाएंगी. वहीं मध्य यूपी में 25 अक्टूबर तो पूर्वी यूपी में नवंबर महीने से शुरुआत होगी. उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया है कि चीनी मिलें लगातार चलती रहेंगी. उन्होंने कहा-जब हम 2017 में सत्ता में आए थे तब 2010 तक का हिसाब बकाया था. हमने बीते आठ सालों का हिसाब क्लियर करने के लिए प्रयास किए. 2007-2017 की बीच बीती सरकारों द्वारा 95 हजार करोड़ का गन्ना बकाया क्लियर किया गया. वहीं हमारी सरकार में अब तक 1.42 लाख करोड़ का बकाया क्लियर किया जा चुका है.

सपा सरकार से की तुलना
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने 2016-17 में 6 लाख मीट्रिकटन गेहूं खरीद की थी. जबकि हमारी सरकार ने इस साल कोरोना महामारी के बावजूद 56 लाख मीट्रिक टन की खरीद की है. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में एक साल में अधिकतम 16 मीट्रिक टन धान खरीद हुई थी जबकि हमारी सरकार ने इस साल 66 लाख टन धान की खरीद की है.

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