नई दिल्ली: 2012 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाली कोमल गनात्रा गुजरात से चुनी गई एकमात्र महिला थीं। लेकिन उनका सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा। असफल विवाहित जीवन और समाज के ताने को नजरअंदाज करते हुए कोमल ने खुद को सशक्त बनाने का फैसला किया और 2012 में चौथे प्रयास में आईआरएस अधिकारी बन गई।
उनकी कहानी हर महिला के लिए एक प्रेरणा है और हर महिला को जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करती है। कोमल अपने माता-पिता और 2 छोटे भाइयों के साथ गुजरात में रहती थी। उनके पिता एक शिक्षक हैं और माता एक गृहिणी हैं। कोमल का कहना है कि उनके पिता ने हमेशा उन्हें जीवन में कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया। वह कोमल को आईएएस अफसर बनाना चाहते थे। कोमल बचपन से ही पढ़ाई में काफी होनहार थी।
कोमल ने 26 साल की उम्र में न्यूजीलैंड के एक एनआरआई से शादी कर ली। उस समय, कोमल यूपीएससी के साथ-साथ राज्य पीसीएस की तैयारी कर रही थी और उसने गुजरात सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की थी। लेकिन उनके पति ने उन्हें इंटरव्यू में शामिल नहीं होने दिया। शादी के 15 दिन बाद कोमल का पति वापस न्यूजीलैंड चला गया और फिर नहीं लौटा। कोमल के लगातार प्रयासों के बावजूद वह फिर कभी अपने पति से बात नहीं कर पाई।