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IIT कानपुर ने 54वें दीक्षांत समारोह में PM मोदी होंगे मुख्य अतिथि, उपस्थित लोगों के लिए बनाया गया बायो-बबल

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कानपुर. आईआईटी कानपुर एक साल बाद शारीरिक रूप से दीक्षांत समारोह की मेजबानी करेगा। पिछले साल यह वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया था। भारत में कोरोना वायरस महामारी को कम करने के अपने अथक प्रयासों को जारी रखते हुए, आई आई टी (IIT) कानपुर ने दीक्षांत समारोह में भाग लेने वाले छात्रों, गणमान्य व्यक्तियों और मेहमानों की सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। कैम्पस को दुल्हन की तरह सजाया गया है। एंट्री गेट से लेकर कार्यकम स्थल को रंग बिरंगी लाइट लगाई गई है। संस्थान ने दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले सभी उपस्थित लोगों के आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की व्यवस्था की है। कार्यक्रम स्थल के लिए गेट खोलने से पहले दीक्षांत समारोह के दिन एक बार फिर से रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) भी होगा। यह भारत में पहली बार होगा जहां बायो-बबल के अंदर दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा।

हाइब्रिड मोड में आयोजित होने वाले 54वें दीक्षांत समारोह से पहले विभिन्न स्वास्थ्य जांच कर उपस्थित लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जबकि उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि होंगे।

आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. एस गणेश ने कहा, “बड़ी खुशी के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी जुड़ी होती है। जैसा कि हम सम्मानित आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 54वें दीक्षांत समारोह को हाइब्रिड मोड में मनाने जा रहे हैं, यह हमारा कर्तव्य है कि हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसलिए, कोविड-19 महामारी के लगातार बदलते परिदृश्य को देखते हुए, हम परिसर के अंदर अतिरिक्त एहतियात बरत कर रहे हैं। शारीरिक रूप से कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहले परीक्षण किए जाने हैं। यह सभी उपस्थित लोगों के लिए अत्यंत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है ताकि इस अवसर की खुशी में बाधा न आए।

बायो-बबल एक अवधारणा है जिसे हाल ही में खेल के क्षेत्र में विकसित किया गया है, विशेष रूप से क्रिकेट में, जहां एक जैव-सुरक्षित वातावरण बनाया जाता है ताकि नोवल कोरोना वायरस से संदूषण के जोखिम को कम किया जा सके। यद्यपि यह अवधारणा अब कई क्षेत्रों में फैल गई है, यह संभवत: पहली बार है कि किसी उच्च शिक्षण संस्थान ने अपने दीक्षांत समारोह के लिए इस तरह के उपायों को अपनाया है। यह सभी के लिए समग्र कल्याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आई आई टी (IIT) कानपुर के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

इस अवसर पर कुल 1723 छात्र-छात्राएं डिग्रियां प्राप्त करेंगे और 80 पुरस्कार व मेडल प्रदान किए जाएंगे। दीक्षांत समारोह के दूसरे सत्र में 21 छात्रों को उत्कृष्ट पीएचडी थीसिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, तीन प्रतिष्ठित व्यक्तियों, प्रो. रोहिणी एम. गोडबोले, सेनापति ‘क्रिस’ गोपालकृष्णन, और पं. अजय चक्रवर्ती को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जाएगी।

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